Grade III Hindi

 

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कक्षा 3 के लिए सीबीएसई पैटर्न के तहत हिंदी पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:

1. पठन कौशल

  • वर्णमाला पुनरावृत्ति: स्वर और व्यंजनों का दोहराव और उनका सही उच्चारण।
  • पाठ्यपुस्तक पाठ: पाठ्यपुस्तक में दिए गए सरल और मध्यम स्तर के गद्य और पद्य पाठ पढ़ना और समझना।
  • वाचन: स्पष्टता और भावपूर्ण तरीके से गद्य और पद्य का वाचन।
  • अपठित गद्यांश: अपठित गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर देना।

2. लेखन कौशल

  • वर्ण और शब्द लेखन: अक्षरों और शब्दों को सही ढंग से लिखने का अभ्यास।
  • वाक्य निर्माण: सरल से लेकर मध्यम जटिल वाक्य बनाने का अभ्यास।
  • चित्र लेखन: दिए गए चित्रों का वर्णन करना।
  • अनुच्छेद लेखन: सरल विषयों पर छोटे-छोटे अनुच्छेद लिखना, जैसे मेरा विद्यालय, मेरा परिवार, मेरा पसंदीदा खेल।
  • कहानी लेखन: सरल कहानियाँ लिखना।

3. व्याकरण

  • संज्ञा (Nouns): संज्ञा के प्रकार, उदाहरण के साथ।
  • सर्वनाम (Pronouns): सर्वनाम का परिचय और उसका प्रयोग।
  • क्रिया (Verbs): क्रिया और उनके प्रकार, जैसे मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया।
  • विशेषण (Adjectives): विशेषण का परिचय और उसका उपयोग।
  • वचन (Singular and Plural): एकवचन और बहुवचन का ज्ञान।
  • लिंग (Gender): पुल्लिंग और स्त्रीलिंग का सही ज्ञान।
  • काल (Tenses): वर्तमान, भूत और भविष्य काल का परिचय।
  • विलोम शब्द: सरल विलोम शब्दों का अध्ययन, जैसे छोटा-बड़ा, दिन-रात।
  • पर्यायवाची शब्द: पर्यायवाची शब्दों का अध्ययन, जैसे सूरज-सूर्य, नदी-सरिता।
  • मुहावरे और कहावतें: कुछ सरल मुहावरों और कहावतों का अर्थ और उनका प्रयोग।

4. शब्दावली विकास

  • नई शब्दावली: पाठों में मिलने वाले नए शब्दों का अर्थ समझना और उनका वाक्यों में प्रयोग।
  • संधि और समास: संधि और समास का सरल परिचय।
  • वाक्य रचना: उचित शब्दों और व्याकरण का प्रयोग करके वाक्य बनाना।

5. सुनना और बोलना

  • कहानी सुनाना और सुनना: शिक्षकों या साथियों द्वारा सुनाई गई कहानियों को ध्यान से सुनना और उन्हें अपने शब्दों में दोहराना।
  • विवरण देना: किसी घटना या अनुभव का वर्णन करना।
  • संवाद: दैनिक जीवन से जुड़े विषयों पर छोटे-छोटे संवाद करना।

6. सृजनात्मक गतिविधियाँ

  • निबंध लेखन: छोटे-छोटे निबंध लिखना, जैसे मेरी माँ, मेरा विद्यालय।
  • कविता लेखन: सरल कविता लिखने का प्रयास।
  • नाट्य गतिविधियाँ: सरल नाटकों में संवाद बोलना और अभिनय करना।

7. अपठित गद्यांश और पद्यांश

  • छात्रों को अपठित गद्यांश और पद्यांश दिए जाते हैं, जिनसे वे पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास करते हैं और प्रश्नों का उत्तर देते हैं।

8. नैतिक शिक्षा और साहित्यिक पाठ

  • कहानियाँ: नैतिक शिक्षा देने वाली कहानियों का अध्ययन।
  • लोक कथाएँ और कविताएँ: भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी लोक कथाओं और कविताओं का अध्ययन।

यह पाठ्यक्रम छात्रों की भाषा के विकास के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता और व्याकरणिक ज्ञान को भी मजबूत करता है।