कक्षा 5 के लिए सीबीएसई पैटर्न के तहत हिंदी पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:
1. पठन कौशल
- गद्य और पद्य: पाठ्यपुस्तक में दिए गए गद्य और पद्य पाठों का गहन अध्ययन, जिसमें विविध लेखकों की कहानियाँ और कविताएँ शामिल होती हैं।
- अपठित गद्यांश: अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर देना।
- अपठित पद्यांश: अपठित कविताओं को समझना और उनके आधार पर प्रश्नों का उत्तर देना।
- वाचन कौशल: सही उच्चारण और शुद्ध वाचन का अभ्यास।
2. लेखन कौशल
- लेख लेखन: विभिन्न विषयों पर लेख लिखने का अभ्यास। जैसे – स्वच्छता का महत्व, मेरी प्रिय पुस्तक।
- अनुच्छेद लेखन: सरल से जटिल अनुच्छेदों का लेखन, जैसे – मेरा विद्यालय, मेरी पसंदीदा खेलकूद गतिविधि।
- कहानी लेखन: कल्पनाशील कहानियों का निर्माण।
- चित्र वर्णन: चित्र के आधार पर कहानी या अनुच्छेद लिखना।
- पत्र लेखन: औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लिखने का अभ्यास। जैसे – अपने मित्र को पत्र, प्रधानाचार्य को पत्र।
- निबंध लेखन: विभिन्न सामाजिक, नैतिक और सांस्कृतिक विषयों पर निबंध लिखना।
3. व्याकरण
- संज्ञा और सर्वनाम: संज्ञा के प्रकार (व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव) और सर्वनाम का सही प्रयोग।
- क्रिया: क्रिया के प्रकार और उनका सही प्रयोग। मुख्य और सहायक क्रिया का ज्ञान।
- विशेषण: विशेषण के प्रकार और उनके प्रयोग।
- वाच्य: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य का परिचय।
- काल: वर्तमान, भूत और भविष्य काल का परिचय और उनका सही प्रयोग।
- संधि: स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि का परिचय।
- समास: तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्वंद्व समास का अध्ययन।
- विलोम शब्द: विलोम शब्दों का अध्ययन।
- पर्यायवाची शब्द: पर्यायवाची शब्दों का ज्ञान।
- अनेकार्थी शब्द: एक शब्द के अनेक अर्थों का ज्ञान।
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ: आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले मुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ और उनके प्रयोग।
- लिंग: पुल्लिंग और स्त्रीलिंग का परिचय और सही प्रयोग।
- वचन: एकवचन और बहुवचन का सही प्रयोग।
4. शब्दावली विकास
- नई शब्दावली: पाठ्यपुस्तकों में दी गई नई शब्दावली का अर्थ समझना और वाक्यों में उनका सही प्रयोग।
- संधि और समास: संधि और समास का गहन अध्ययन।
- शुद्धलेखन: सही शब्दों का प्रयोग और शुद्ध लेखन का अभ्यास।
5. सुनना और बोलना
- श्रवण कौशल: कहानियों, कविताओं और वार्तालापों को ध्यान से सुनना और उन पर आधारित प्रश्नों का उत्तर देना।
- बोलना: सार्वजनिक बोलने का अभ्यास, जैसे कहानी सुनाना, किसी घटना या विषय पर अपने विचार व्यक्त करना।
- वाद-विवाद: दिए गए विषयों पर वाद-विवाद और संवाद कौशल का विकास।
6. सृजनात्मक लेखन और गतिविधियाँ
- कविता लेखन: सरल और रचनात्मक कविताएँ लिखने का प्रयास।
- नाटक लेखन: छोटे नाटक लिखना और उनका मंचन करना।
- रचनात्मक परियोजनाएँ: हिंदी भाषा के ज्ञान को बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाएँ, जैसे कविताओं और कहानियों का संग्रह बनाना।
7. साहित्यिक अध्ययन
- महत्वपूर्ण लेखक और कवि: प्रमुख हिंदी लेखकों और कवियों के जीवन और उनके कार्यों का परिचय। जैसे – प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा।
- लोक कथाएँ और बाल साहित्य: भारतीय संस्कृति से जुड़ी लोक कथाओं और बाल साहित्य का अध्ययन।
8. नैतिक शिक्षा
- कहानियाँ: नैतिक शिक्षा पर आधारित कहानियों का अध्ययन।
- कविताएँ: नैतिक मूल्यों और सामाजिक संदेशों से भरपूर कविताओं का अध्ययन।
9. अपठित गद्यांश और पद्यांश
- छात्रों को अपठित गद्यांश और पद्यांश दिए जाते हैं, जिनसे वे अपनी पठन और समझने की क्षमता का विकास कर सकते हैं।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को हिंदी भाषा में कुशल बनाने के साथ-साथ उनके व्याकरणिक ज्ञान और सृजनात्मकता को भी मजबूत करता है।