Grade VIII Sanskrit

 

कक्षा 8 के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम के अंतर्गत संस्कृत का अध्ययन निम्नलिखित है:

1. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्ययन (Textbook Study)

  • गद्य (Prose):
    • पाठ्यपुस्तक में दिए गए गद्यांशों का अध्ययन। इसमें नीति कथाएँ, जीवन से संबंधित कहानियाँ, और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ी रचनाएँ शामिल होती हैं।
    • गद्यांश पढ़कर उनका अर्थ समझना और उनके प्रश्नों का उत्तर देना।
  • पद्य (Poetry):
    • संस्कृत के प्रसिद्ध कवियों की कविताएँ और श्लोक।
    • श्लोकों का अर्थ और भावार्थ समझना।
    • श्लोकों का शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ करना।

2. व्याकरण (Grammar)

  • संज्ञा (Nouns):
    • संज्ञा के प्रकार और उनका सही प्रयोग। पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग में संज्ञा शब्दों का रूपांतरण।
  • सर्वनाम (Pronouns):
    • सर्वनाम के भेद और उनका सही उपयोग। जैसे – अहम्, त्वम्, सः।
  • विशेषण (Adjectives):
    • विशेषणों का अध्ययन और उनका संज्ञा के साथ प्रयोग। विशेषण के रूपांतरण का अभ्यास।
  • क्रिया (Verbs):
    • धातु रूपों का गहन अध्ययन। लट् (वर्तमान), लृट् (भविष्य), लङ् (भूत) काल में क्रियाओं का रूपांतरण।
    • सरल और जटिल क्रियाओं का सही प्रयोग।
  • विभक्ति प्रयोग:
    • संस्कृत में विभक्तियों का अध्ययन। जैसे – प्रथमा, द्वितीया, तृतीया आदि विभक्तियों का सही प्रयोग।
  • संधि:
    • स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि का विस्तृत अध्ययन।
  • समास:
    • तत्पुरुष, द्वंद्व, बहुव्रीहि, और कर्मधारय समास का अध्ययन।
  • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द:
    • जैसे – वन में रहने वाला – वनचारी।
  • विलोम शब्द:
    • विपरीतार्थक शब्दों का अध्ययन। जैसे – सुख-दुःख, अंधकार-प्रकाश।
  • पर्यायवाची शब्द:
    • समानार्थक शब्दों का अध्ययन। जैसे – जल-नीर, अग्नि-अनल।
  • मुहावरे और लोकोक्तियाँ:
    • संस्कृत में प्रचलित मुहावरे और लोकोक्तियों का ज्ञान और उनका सही प्रयोग।

3. वाचन कौशल (Reading Skills)

  • पाठ वाचन:
    • संस्कृत गद्य और पद्य पाठों को शुद्ध उच्चारण के साथ पढ़ना।
  • श्लोकों का पाठ:
    • संस्कृत श्लोकों का शुद्ध उच्चारण और सही भाव के साथ पाठ करना।

4. लेखन कौशल (Writing Skills)

  • शब्दरूप और धातुरूप:
    • प्रमुख शब्द रूप और धातु रूपों का अभ्यास। जैसे – रामः, हरिः, नद्याः के रूप और पठ्, गम् के धातु रूप।
  • वाक्य निर्माण:
    • संस्कृत में सरल और जटिल वाक्यों का निर्माण।
  • अनुवाद:
    • संस्कृत से हिंदी/अंग्रेजी में और हिंदी/अंग्रेजी से संस्कृत में अनुवाद।
  • निबंध लेखन:
    • संस्कृत में निबंध लेखन। जैसे – पर्यावरण संरक्षणम्, विद्यायाः महत्त्वम्।
  • संवाद लेखन:
    • संस्कृत में संवाद लिखने का अभ्यास।

5. श्रवण कौशल (Listening Skills)

  • श्रवण अभ्यास:
    • शिक्षकों द्वारा संस्कृत पाठों का उच्चारण सुनकर उसे समझना और संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।
  • संस्कृत संवाद सुनना:
    • संस्कृत में बोले गए संवाद सुनकर उनका उत्तर देना।

6. बोलने का अभ्यास (Speaking Skills)

  • संस्कृत संवाद:
    • दैनिक जीवन के सरल संवाद संस्कृत में बोलना। जैसे – त्वं कुत्र गच्छसि? अहम् गृहम् गच्छामि।
  • संस्कृत में परिचय देना:
    • संस्कृत में आत्म-परिचय और अन्य लोगों का परिचय देना।
  • श्लोकों का मौखिक अभ्यास:
    • श्लोकों का मौखिक अभ्यास और उनका सही उच्चारण।

7. सृजनात्मक लेखन (Creative Writing)

  • चित्र वर्णन:
    • चित्र देखकर संस्कृत में वाक्य और अनुच्छेद लिखना।
  • संस्कृत में निबंध लेखन:
    • संस्कृत में विभिन्न विषयों पर निबंध लिखने का अभ्यास। जैसे – अस्माकं विद्यालयः, जलस्य महत्त्वम्।

8. साहित्यिक अध्ययन (Literary Study)

  • महान संस्कृत लेखक और कवि:
    • कालिदास, भास, पाणिनि जैसे संस्कृत साहित्य के प्रमुख लेखकों और कवियों का अध्ययन।
  • रामायण, महाभारत, और पुराण:
    • इन प्रमुख महाकाव्यों और पुराणों से संबंधित श्लोक और कथाओं का अध्ययन।

9. नैतिक शिक्षा (Moral Education)

  • नीति कथाएँ:
    • संस्कृत नीति कथाओं का अध्ययन और उनमें निहित नैतिक शिक्षाओं को समझना।
  • श्लोकों के माध्यम से नैतिक शिक्षा:
    • संस्कृत श्लोकों के माध्यम से नैतिक मूल्यों का विकास।

10. अनुवाद (Translation)

  • संस्कृत से हिंदी/अंग्रेजी में अनुवाद:
    • संस्कृत वाक्यों का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करना।
  • हिंदी/अंग्रेजी से संस्कृत में अनुवाद:
    • हिंदी या अंग्रेजी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करना।

11. अपठित गद्यांश और पद्यांश

  • अपठित गद्यांश और पद्यांश पढ़कर उनका अर्थ निकालना और उनसे संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।

यह पाठ्यक्रम छात्रों को संस्कृत भाषा की गहरी समझ प्रदान करता है और उनकी व्याकरण, साहित्यिक अध्ययन और रचनात्मकता को विकसित करने में सहायक होता है।