कक्षा 8 के लिए सीबीएसई पैटर्न के तहत हिंदी पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:
1. पठन कौशल
- गद्य और पद्य: पाठ्यपुस्तक में दिए गए गद्य और पद्य पाठों का अध्ययन। यह पाठ्यक्रम भारतीय संस्कृति, नैतिक शिक्षा, और सामाजिक संदेशों से जुड़े लेखकों और कवियों की रचनाओं पर आधारित है।
- गद्य: कहानियाँ, निबंध, आत्मकथाएँ, उपन्यास अंश।
- पद्य: कविताएँ, गीत, श्लोक।
- अपठित गद्यांश: दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।
- अपठित पद्यांश: अपठित पद्यांश को पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों को हल करना और कविताओं के सार को समझना।
2. लेखन कौशल
- लेख लेखन: विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और समसामयिक विषयों पर लेख लिखना। जैसे – विज्ञान और मानवता, जलवायु परिवर्तन, आधुनिक शिक्षा प्रणाली।
- अनुच्छेद लेखन: विभिन्न विषयों पर अनुच्छेद लिखना। जैसे – योग का महत्व, मेरे प्रिय लेखक, भारतीय संस्कृति।
- कहानी लेखन: दिए गए विषय या चित्र के आधार पर कहानी बनाना। कहानी का उद्देश्य सृजनात्मकता और विचारशीलता को बढ़ावा देना है।
- चित्र वर्णन: चित्र को देखकर उसका वर्णन करना और उस पर आधारित वाक्यों का निर्माण करना।
- पत्र लेखन: औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों का लेखन। जैसे – प्रधानाचार्य को छुट्टी के लिए पत्र, मित्र को पत्र, संपादक को पत्र।
- निबंध लेखन: सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर निबंध लिखना। जैसे – पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया।
- संवाद लेखन: सरल से जटिल संवादों का लेखन।
3. व्याकरण
- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया: इन सभी व्याकरणिक तत्वों का विस्तृत अध्ययन और उनके प्रयोग के नियम।
- काल: वर्तमान, भूत और भविष्य काल का अध्ययन और सही प्रयोग।
- वाच्य: कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य का ज्ञान और सही प्रयोग।
- संधि: स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि का गहन अध्ययन।
- समास: द्वंद्व, तत्पुरुष, कर्मधारय, बहुव्रीहि समास का अध्ययन और उनके उदाहरण।
- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द: सामान्य जीवन में उपयोग होने वाले कई शब्दों के लिए एक शब्द का ज्ञान। जैसे – जो सभी जगह हो – सर्वव्यापी।
- विलोम शब्द: विलोम शब्दों का अध्ययन और उनके सही प्रयोग।
- पर्यायवाची शब्द: पर्यायवाची शब्दों का अध्ययन। जैसे – अग्नि-आग, सूर्य-रवि।
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ: प्रमुख मुहावरे और लोकोक्तियों का अर्थ और उनके सही प्रयोग।
4. शब्दावली विकास
- नई शब्दावली: पाठ्यक्रम के दौरान मिलने वाले नए शब्दों का अध्ययन और उनका सही प्रयोग।
- वाक्य रचना: सही व्याकरण का प्रयोग करते हुए वाक्यों का निर्माण।
- शुद्धलेखन: शुद्ध शब्दों और वाक्यों का अभ्यास।
5. सुनना और बोलना कौशल
- श्रवण कौशल: कहानियाँ, संवाद और कविताएँ ध्यान से सुनना और उनके आधार पर प्रश्नों का उत्तर देना।
- भाषण: दिए गए विषय पर भाषण देना, जैसे – समय का सदुपयोग, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, शिक्षा का महत्व।
- वाद-विवाद और चर्चा: सामाजिक और समसामयिक मुद्दों पर वाद-विवाद और चर्चा।
6. सृजनात्मक लेखन और गतिविधियाँ
- कविता लेखन: सरल और रचनात्मक कविताएँ लिखने का अभ्यास।
- नाटक लेखन: छोटे नाटकों का लेखन और उनका मंचन।
- रचनात्मक परियोजनाएँ: छात्रों द्वारा साहित्यिक परियोजनाएँ जैसे – कवियों और लेखकों का परिचय, उनकी रचनाओं का अध्ययन।
7. साहित्यिक अध्ययन
- महत्वपूर्ण लेखक और कवि: हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक और कवियों के जीवन और उनकी रचनाओं का अध्ययन। जैसे – प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा।
- लोक कथाएँ और भारतीय साहित्य: भारतीय लोक कथाओं और बाल साहित्य का अध्ययन।
8. नैतिक शिक्षा
- कहानियाँ: नैतिक शिक्षा पर आधारित कहानियों का अध्ययन।
- कविताएँ: सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित कविताओं का अध्ययन।
9. अपठित गद्यांश और पद्यांश
- छात्रों को अपठित गद्यांश और पद्यांश दिए जाते हैं, जिनसे वे अपनी पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास कर सकते हैं।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को हिंदी भाषा के व्याकरण, लेखन, साहित्यिक अध्ययन और सुनने-बोलने के कौशल में दक्ष बनाने के लिए तैयार किया गया है, जिससे उनकी भाषा क्षमता को मजबूती मिलती है।