Grade VI Sanskrit

 

कक्षा 6 के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम के अंतर्गत संस्कृत का अध्ययन निम्नलिखित है:

1. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्ययन

  • गद्य (गद्यांश):
    • संस्कृत पाठ्यपुस्तक में दिए गए विभिन्न गद्यांशों का अध्ययन और समझ।
    • सरल और मध्यम स्तर के गद्य पाठों को पढ़कर उनका अर्थ निकालना और उनसे संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।
  • पद्य (कविता/श्लोक):
    • संस्कृत के सरल श्लोकों, कविताओं का पाठ और उनका अर्थ समझना।
    • महत्वपूर्ण श्लोकों का कंठस्थ अभ्यास।

2. व्याकरण (Grammar)

  • संज्ञा (Nouns):
    • संज्ञा के प्रकार (सामान्य, विशेष, समूह संज्ञा)।
    • संस्कृत में संज्ञा शब्दों के प्रयोग और रूप।
  • सर्वनाम (Pronouns):
    • सर्वनाम के विभिन्न प्रकार और उनका वाक्यों में सही प्रयोग।
  • विशेषण (Adjectives):
    • विशेषण के रूप और उनका संज्ञा के साथ मेल।
  • क्रिया (Verbs):
    • धातु रूपों का अध्ययन। जैसे – लट्, लृट्, लङ् आदि।
    • विभिन्न कालों में क्रियाओं का प्रयोग।
  • विभक्ति प्रयोग:
    • संस्कृत के विभक्तियों का सही प्रयोग। जैसे – प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी आदि।
  • संधि:
    • स्वर संधि, व्यंजन संधि, और विसर्ग संधि का अध्ययन।
  • समास:
    • समास के प्रकारों का अध्ययन (द्वंद्व, तत्पुरुष, कर्मधारय) और उनका वाक्यों में प्रयोग।
  • लिंग (Gender):
    • पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग का अध्ययन और सही प्रयोग।
  • वचन:
    • एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन के प्रयोग का ज्ञान।

3. वाचन (Reading)

  • वाचन कौशल:
    • संस्कृत गद्य और पद्य पाठों को सही उच्चारण के साथ पढ़ना।
    • संस्कृत में शुद्ध उच्चारण का अभ्यास।
  • श्लोकों का उच्चारण:
    • विभिन्न श्लोकों का उच्चारण और उनके अर्थ का ज्ञान।

4. लेखन (Writing)

  • शब्दरूप और धातुरूप:
    • महत्वपूर्ण शब्दरूप और धातुरूपों का अभ्यास।
  • वाक्य निर्माण:
    • संस्कृत में सरल और जटिल वाक्य बनाने का अभ्यास।
  • अनुवाद:
    • हिंदी या अंग्रेज़ी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद और संस्कृत वाक्यों का हिंदी या अंग्रेज़ी में अनुवाद।
  • संस्कृत में निबंध लेखन:
    • छोटे-छोटे निबंध संस्कृत में लिखने का अभ्यास, जैसे – विद्यायाः महत्त्वम्, वृक्षस्य महत्त्वम्, अस्माकं विद्यालयः।

5. श्रवण कौशल (Listening Skills)

  • श्रवण अभ्यास:
    • शिक्षकों या सहपाठियों द्वारा पढ़ी गई संस्कृत पाठों को ध्यानपूर्वक सुनना और समझना।
  • संवाद कौशल:
    • संस्कृत में सरल संवादों का अभ्यास।

6. बोलने का अभ्यास (Speaking)

  • संस्कृत में संवाद:
    • दैनिक जीवन से जुड़े छोटे-छोटे संवाद संस्कृत में करना।
  • संस्कृत में परिचय देना:
    • संस्कृत में स्वयं का परिचय देना।
  • श्लोकों का पाठ:
    • संस्कृत श्लोकों का सही उच्चारण के साथ पाठ करना।

7. अनुवाद अभ्यास (Translation)

  • हिंदी से संस्कृत में अनुवाद:
    • सरल हिंदी वाक्यों को संस्कृत में अनुवाद करना।
  • संस्कृत से हिंदी में अनुवाद:
    • संस्कृत वाक्यों को हिंदी में अनुवाद करना।

8. सृजनात्मक लेखन (Creative Writing)

  • चित्र वर्णन:
    • चित्र देखकर उसके बारे में संस्कृत में वाक्य बनाना।
  • संस्कृत में निबंध लेखन:
    • छोटे निबंध संस्कृत में लिखने का प्रयास।

9. संस्कृत साहित्य का अध्ययन

  • महत्वपूर्ण लेखक और रचनाएँ:
    • संस्कृत साहित्य के प्रमुख लेखकों का परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन। जैसे – महर्षि वाल्मीकि, वेदव्यास, कालिदास।
  • महाकाव्यों का परिचय:
    • रामायण, महाभारत और अन्य संस्कृत महाकाव्यों का अध्ययन।

यह पाठ्यक्रम छात्रों के संस्कृत भाषा कौशल, व्याकरण, और सृजनात्मकता को विकसित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।