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कक्षा 7 के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम के अंतर्गत संस्कृत का अध्ययन निम्नलिखित है:
1. पाठ्यपुस्तक आधारित अध्ययन
- गद्य (गद्यांश):
- पाठ्यपुस्तक में दिए गए गद्य पाठों का अध्ययन। इसमें प्राचीन कथाएँ, नीति कथाएँ और जीवन से संबंधित सरल कहानियाँ शामिल होती हैं।
- गद्यांशों को पढ़कर उनका अर्थ समझना और उनसे संबंधित प्रश्नों का उत्तर देना।
- पद्य (कविता/श्लोक):
- कविताएँ और श्लोकों का अध्ययन। इनमें प्रसिद्ध संस्कृत कवियों की रचनाएँ शामिल होती हैं।
- श्लोकों का अर्थ और भावार्थ समझना, और उनका उच्चारण सही ढंग से करना।
2. व्याकरण (Grammar)
- संज्ञा (Nouns):
- संज्ञा के प्रकार और उनके सही प्रयोग।
- संस्कृत संज्ञा के रूप, जैसे – पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग में संज्ञा शब्दों का रूपांतरण।
- सर्वनाम (Pronouns):
- सर्वनाम के विभिन्न प्रकार और उनका प्रयोग वाक्यों में।
- विशेषण (Adjectives):
- विशेषणों का अध्ययन और उनका संज्ञा के साथ प्रयोग।
- क्रिया (Verbs):
- धातु रूपों का विस्तृत अध्ययन। जैसे – लट्, लङ्, लृट् आदि कालों में धातु रूप।
- क्रिया के वर्तमान, भूत और भविष्य काल का अध्ययन और उनका प्रयोग।
- विभक्ति प्रयोग:
- विभक्तियों के प्रकार और उनका सही प्रयोग। जैसे – प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी आदि विभक्तियों का प्रयोग।
- संधि:
- स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि का अध्ययन और उनके नियम।
- समास:
- समास के प्रकार (तत्पुरुष, कर्मधारय, द्वंद्व) और उनका प्रयोग।
- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द:
- जैसे – जो पढ़ाई करता है – छात्रः, जो सभी जगह हो – सर्वव्यापी।
- विलोम शब्द:
- विलोम शब्दों का अध्ययन और उनका प्रयोग।
- पर्यायवाची शब्द:
- पर्यायवाची शब्दों का अध्ययन, जैसे – सूर्यः-रवि, अग्निः-अनलः।
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ:
- संस्कृत में सामान्य मुहावरे और लोकोक्तियों का अध्ययन और उनका सही प्रयोग।
3. वाचन कौशल (Reading Skills)
- पाठ वाचन:
- संस्कृत गद्य और पद्य का शुद्ध उच्चारण के साथ वाचन।
- श्लोक पाठ:
- संस्कृत श्लोकों और कविताओं का सही उच्चारण के साथ वाचन।
- अर्थ का अध्ययन:
- प्रत्येक पाठ या श्लोक का अर्थ समझना और उसका भावार्थ निकालना।
4. लेखन कौशल (Writing Skills)
- शब्द रूप और धातु रूप:
- प्रमुख शब्द रूप और धातु रूपों का अभ्यास।
- जैसे – रामः, हरिः, छात्रः के शब्द रूप और पठ्, गम्, लिख् के धातु रूप।
- वाक्य निर्माण:
- संस्कृत में सरल और जटिल वाक्य निर्माण करना।
- अनुवाद:
- संस्कृत वाक्यों का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद और हिंदी/अंग्रेजी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद।
- संस्कृत में निबंध लेखन:
- संस्कृत में छोटे निबंध लिखने का अभ्यास। जैसे – वृक्षस्य महत्त्वम्, नद्या महत्त्वम्, विद्यालयः।
5. श्रवण कौशल (Listening Skills)
- श्रवण अभ्यास:
- शिक्षकों द्वारा पढ़े गए संस्कृत पाठों को ध्यानपूर्वक सुनना और उनसे जुड़े प्रश्नों का उत्तर देना।
- संवाद कौशल:
- संस्कृत में सरल संवादों का अभ्यास और उनका मौखिक प्रयोग।
6. बोलने का अभ्यास (Speaking Skills)
- संवाद:
- संस्कृत में सामान्य दैनिक जीवन से जुड़े संवाद। जैसे – कुतः गच्छसि? अहम् गृहम् गच्छामि।
- संस्कृत में परिचय देना:
- संस्कृत में आत्म-परिचय देना और अन्य लोगों का परिचय देना।
- श्लोकों का पाठ:
- संस्कृत श्लोकों का कंठस्थ पाठ और उनका सही उच्चारण।
7. सृजनात्मक लेखन (Creative Writing)
- चित्र वर्णन:
- चित्र देखकर संस्कृत में वाक्य और अनुच्छेद बनाना।
- निबंध लेखन:
- संस्कृत में विभिन्न विषयों पर छोटे निबंध लिखने का अभ्यास।
8. साहित्यिक अध्ययन (Literary Study)
- प्रमुख संस्कृत लेखक और कवि:
- प्रमुख संस्कृत साहित्यकारों का परिचय और उनके कार्यों का अध्ययन। जैसे – कालिदास, भास, पाणिनि।
- महाकाव्य और पुराण:
- रामायण, महाभारत और अन्य पुराणों का अध्ययन और उनमें से श्लोकों का चयन।
9. नैतिक शिक्षा (Moral Education)
- नीति कथाएँ:
- संस्कृत में नैतिक और शिक्षाप्रद कथाओं का अध्ययन।
- श्लोकों के माध्यम से नैतिक शिक्षा:
- संस्कृत श्लोकों के माध्यम से नैतिक मूल्यों का विकास।
10. अनुवाद (Translation)
- संस्कृत से हिंदी/अंग्रेजी में अनुवाद:
- संस्कृत वाक्यों का हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करना।
- हिंदी/अंग्रेजी से संस्कृत में अनुवाद:
- हिंदी या अंग्रेजी वाक्यों को संस्कृत में अनुवाद करना।
11. अपठित गद्यांश और पद्यांश:
- अपठित गद्यांश और पद्यांश देकर छात्रों की समझने की क्षमता का मूल्यांकन।
यह पाठ्यक्रम छात्रों की संस्कृत भाषा की समझ और व्याकरणिक कौशल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।